कागज का जहाज उड़ाने वाला बच्चा… अब बनेगा पायलट, उसके सपने के लिए पूरा गांव लगा, टॉपर को भेजा कोटा

जमशेदपुर. बचपन के कुछ खेल बच्चों को इतना प्रभावित करते हैं कि बच्चे उसमें अपना भविष्य देखने लग जाते हैं. ऐसी ही कहानी जमशेदपुर के पूर्वी सिंहभूम के बानमघुटु गांव के प्रोबिन मुर्मू की है. प्रोबिन बचपन में कागज का जहाज उड़ात था. उसे खेल इतना पसंद आया कि उसने प्लेन उड़ाने का सपना देख लिया.

पायलट बनने के लिए उसने जीतोड़ मेहनत करने लगे. कक्षा 9वीं से ही एक रूटीन बनाकर नियमित तौर पर प्रमुख विषयों पर तीन से चार घंटे विशेष ध्यान देने लगा. कड़ी मेहनत के परिणाम स्वरूप जैक दसवीं बोर्ड की परीक्षा में 484 अंक प्राप्त कर प्रोबिन ने जिले में टॉप किया. उसके टॉपर बनने पर गांव भी खूब नाम हुआ.

गांववालों ने पेश की मिसाल
दसवीं के जिला टॉपर प्रोबिन के समक्ष घर की खराब आर्थिक स्थिति बाधा बन गई. पायलट बनने में एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाने कराने के लिए किसान पिता के पास पैसे नहीं थे. इसकी जानकारी जब गांववालों को मिली तब ग्रामीणों ने चंदा इकट्ठा करना शुरू कर दिया. सभी ने हैसियत अनुसार बढ़-चढ़कर सहयोग किया. नतीजा, प्रोबिन अब अपने सपने की उड़ान भरने के लिए जेईई मेंस की तैयारी करने कोटा जाएगा. उसका वहां के एक इंस्टीट्यूट में दाखिला हो गया है.

सरपंच ने दिए 10 हजार
प्रोबिन ने Local 18 को बताया कि पिता मानसिंह मुर्मू किसान हैं, जबकि माता मानको मुर्मू गृहणी हैं. जेईई मेंस की तैयारी को लेकर आर्थिक समस्या की जानकारी गांव के मुखिया को मिलने के बाद गांव के सभी लोग आगे आए और आर्थिक मदद की. बाड़ाबांकी पंचायत के मुखिया राकेश चंद्र मुर्मू ने मानदेय से 10 हज़ार रुपये दिए, जबकि घाटशिला के चिकित्सक डॉ. देवेन टुडू ने 10 हज़ार रुपये की सहायता की. उन्होंने बताया कि लोगों की मदद करने से पायलट बनने के सपने को साकार करने का रास्ता खुल गया है. जेईई मेंस क्लियर करने के बाद एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर पायलट बनने के सपने को पूरा करूंगा.

Tags: Inspiring story, Jamshedpur news, Local18, Success Story

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *